29 मार्च 2025 शनि अमावस्या, ना करें यह काम वर्ना साल भर रहेगी दरिद्रता।
29 मार्च 2025 शनि अमावस्या, न करें ये काम, वरना साल भर रहेगी दरिद्रता।
चैत्र माह की अमावस्या तिथि 28 मार्च को शाम 07 बजकर 55 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 29 मार्च को दोपहर 04 बजकर 27 मिनट पर होगा। ऐसे में चैत्र अमावस्या शनिवार 29 मार्च को मनाई जाएगी। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि अमावस्या भी कहा जाएगा।
इस दिन शनिदेव की पूजा अर्चना का खास महत्व है। शनिदेव की कृपा पाने के लिए यूं तो लोग पूरे साल पूजा करते हैं, लेकिन शनि अमावस्या को किए गए कार्य विशेष फल देते हैं। लेकिन अनजाने में कुछ लोग ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे शनिदेव के क्रोधित होने की आशंका बलवती हो जाती है और इससे घर में धन और संपन्नता की हानि होने लगती है।
आइए जानते हैं, कुछ ऐसे काम जिन्हें करने से शनिदेव क्रोधित हो सकते हैं।
शनिवार को घर न लाएं ये चीजें - कितना भी जरूरी क्यों न हो,शनिवार के दिन काले जूते, काली उड़द, लोहा, लोहे से बना सामान, तेल औऱ नमक जैसी चीजों को खरीदकर घर नहीं लाना चाहिए। कहते हैं कि, शनिवार के दिन इन चीजों को घर लाना पनौती का कारण बनता है जिससे घर में दरिद्रता फैलती है।
किसी ने न मांगे ये चीजें।
अगर घर में किसी चीज की कमी हो गई है तो, एक दिन का सब्र कर लें, लेकिन गलती से भी काले रंग की चीजें किसी से मांग कर घर न लाएं। खासकर जूते, छाता, काली दाल और आटा इस दिन किसी से न मांगें। यह चीजें मांगने से आप पर साल भर के लिए दरिद्रता हावी हो सकती है।
यहां न जाएं।
अगर आप दफ्तर से लौटते समय किसी श्मसान या कब्रिस्तान से गुजरते हैं तो, शनिवार के दिन रास्ता बदल दें। शनि अमावस्या के दिन ऐसी जगहों पर राक्षसी शक्तियों का वास बताया जाता है और यहां से गुजरना भी नहीं चाहिए।
न तोड़े इस पेड़ के पत्ते।
शनि अमावस्या को पीपल के पेड़ की पूजा करें। भूलकर भी इसके पत्ते न तोड़ें औऱ पेड़ को काटने का तो सपना भी दिमाग से निकाल दें। ऐसे करने पर आपको भयंकर परिणाम मिलने की आशंका हो सकती है। पीपल का पेड़ यूं भी पूजनीय है, शनिदेव की इस पेड़ पर विशेष कृपा रहती है। अगर शनिदेव की कृपा पानी है तो ,शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं।
न करें ऐसा भोजन।
शनिदेव सात्विक भोजन करने वाले पर कृपा बरसाते हैं। शनिवार के दिन मांस मदिरा औऱ अंडे का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इस दिन लहुसन और प्याज खाने से भी बचें। अगर घर में पार्टी भी मनाई जा रही है तो, सात्विक भोजन करें और तामसिक भोजन से बचें, क्योंकि शनिदेव तामसिक भोजन करने वालों पर कुपित रहते हैं।
शनि अमावस्या में क्या करना चाहिए?
शनि अमावस्या के दिन शुभ फलों की प्राप्ति के लिए गरीबों व जरूरतमंद लोगों को काले तिल, काला कंबल, उड़द की दाल आदि का दान करना चाहिए। इसी के साथ शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें और उसके समक्ष सरसों के तेल का दीपक भी जलाएं। ऐसा करने से जातक को शनि की बाधा से मुक्त मिल सकती है।
शनि अमावस्या के बारे में क्या खास है?
शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या के नाम से जाना जाता है, यह दिन भगवान शनि देव के सम्मान के लिए समर्पित है । इस दिन विशेष रूप से भगवान शनि की पूजा करके आप शनि से जुड़े सभी प्रकार के दोषों से छुटकारा पा सकते हैं। शनि कर्म, अनुशासन, नियम और कानून तथा न्याय का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अमावस्या के दिन कौन सा उपाय करना चाहिए?
अमावस्या के दिन घी के दीपक में केसर और लौंग के 2 दाने डालकर जलाने से माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और आर्थिक तंगी दूर करने में मदद मिलती है। अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए इस दिन 108 बार तुलसी की माला से गायत्री मंत्र का जाप करें। शाम के वक्त तिल के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं और परिक्रमा भी करें।
पितृ दोष हटाने के लिए अमावस्या के क्या उपाय हैं?
अमावस्या तिथि पर पितरों का वास पीपल के पेड़ में माना गया है, अमावस्या पर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं, इसके बाद किसी पवित्र नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें, ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होंगे और पितरों के आशीर्वाद से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
शनि देव के प्रकोप से मुक्ति के लिए शनि अमावस्या के उपाय।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल में काले तिल मिलाकर सूर्यास्त के बाद अभिषेक करें। साथ ही काले-नीले वस्त्र और नीले फूल अर्पित करें।
'ऊँ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र का जाप भी करें।
शनि देव की कृपा पाने के लिए यह उपाय कारगर माना जाता है,हनुमान चालीसा का पाठ अमावस्या के दिन विशेष लाभदायक माना जाता है। इसके प्रभाव से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और बजरंगबली के भक्तों को कष्ट नहीं देते। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। हनुमान जी की कृपा से मनुष्य को कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता।
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा से आर्थिक समस्याएं और नौकरी की परेशानियां दूर होती हैं। इस दिन सुबह पीपल की जड़ में दूध और जल चढ़ाएं। फिर पांच पीपल के पत्तों पर पांच मिठाइयां रखें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर सात परिक्रमा करें।
शनि अमावस्या ही नहीं,हर शनिवार और हर अमावस्या को जरूरतमंद लोगों को सरसों का तेल, काले तिल, कपड़े, कंबल, जूते-चप्पल का दान करें। इस उपाय से भी शनि प्रकोप से मुक्ति मिलती है।
शनि अमावस्या के दिन 'ऊँ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।
इसके अलावा, 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' मंत्र का भी जाप किया जा सकता है, शनि अमावस्या के दिन शनि स्तोत्र का पाठ भी किया जा सकता है।
शनि अमावस्या के दिन किए जाने वाले उपाय।
पीपल के पेड़ की पूजा कर सात बार परिक्रमा करें, पीपल के पेड़ की जड़ में दूध, जल जनेऊ, मिठाई और पंचामृत चढ़ाएं,पीपल के पत्तों पर पांच मिठाइयां रखें,देशी घी का दीपक जलाएं,काले घोड़े की नाल अपने घर के दरवाज़े के ऊपर लगाएं, काले-नीले वस्त्र और नीले फूल अर्पित करें, सरसों के तेल में काले तिल मिलाकर सूर्यास्त के बाद अभिषेक करें, गरीबों में काले तिल, काला कंबल, उड़द की दाल आदि का दान करें, पशु, चिड़िया या मछली को दाना-पानी और चारा दें।
अमावस्या पर पितरों को कैसे खुश करें?
अमावस्या पर पितरों के नाम पर वस्त्र जूते आदि दान करें, पितृ कवच, पितृ स्तोत्र का पाठ का पाठ करना भी काफी लाभदायक है। इस दिन ब्राह्मणों को भोजन भी जरूर करवाएं और अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दें। इसी के साथ अमावस्या पर गरीबों व जरुरतमंदों को भी अपनी क्षमतानुसार अन्न, धन और वस्त्रों का दान करें, गाय को हरा चारा खिलाएं, ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
पितरों के लिए कौन सा दीपक जलाना चाहिए?
पितरों के लिए सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना चाहिए, ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
पितृ गायत्री मंत्र।
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की एक माला जाप करें और पितरों से प्रार्थना करें कि , हमारे जीवन के सभी प्रकार के संकट का दूर करें और अपना आशीर्वाद प्रदान करें, ताकि हमारे जीवन में खूब तरक्की उन्नति हो, हमारा परिवार खूब फूलें फलें।
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अनिल सुधांशु
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