ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने के फायदे और विधि:--

ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से मनुष्य की सभी कामनाएं पूरी होती है और मिलता है, परमपिता परमेश्वर का आशीर्वाद। 
 
ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटा पहले का समय) में पूजा करने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा, शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार, ग्रह दोषों से मुक्ति और धन लाभ होता है। यह आध्यात्मिक ऊर्जा और एकाग्रता का सबसे शक्तिशाली समय है, जिससे प्रार्थना सीधे ईश्वर तक पहुंचती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 

#पढ़ने लिखने वाले बच्चों के लिए यह समय किसी वरदान से काम नहीं है,क्योंकि इस समय कोई भी चीज बड़ी आसानी से याद हो जाती है और उम्र भर याद रहती है इसलिए बच्चों को प्रातः काल बिस्तर छोड़कर माता-पिता को प्रणाम करना चाहिए, उसके बाद भगवान की प्रार्थना और फिर पढ़ाई करना चाहिए, जीवन में उन्नति और तरक्की करने का यह सबसे उत्तम मार्ग है!
ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने के प्रमुख लाभ:--

#मानसिक शांति और एकाग्रता:--इस समय वातावरण शांत रहता है, जिससे मन एकाग्र होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। यह ध्यान और साधना के लिए सर्वोत्तम समय है। 
#सकारात्मक ऊर्जा:--ब्रह्म मुहूर्त में ब्रह्मांड और देवी-देवता सक्रिय रहते हैं। इस समय पूजा-पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है, जो व्यक्ति को ऊर्जावान और चैतन्य बनाती है। 
#शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार:---आयुर्वेद के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में जागने और ताजी हवा लेने से शरीर निरोगी बनता है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। 
#ग्रह दोषों से मुक्ति:---ब्रह्म मुहूर्त में पूजा और मंत्र जाप करने से नवग्रह प्रसन्न होते हैं, जिससे किसी भी तरह के ग्रह दोष और कर्म दोष दूर होते हैं। 
#ईश्वर की कृपा और मनोकामना पूर्ति:---इस समय पूजा करने से ईश्वर जल्दी प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, क्योंकि इस दौरान प्रार्थना सीधे परमात्मा तक पहुंचती है। 
#धन लाभ और सफलता:---इस समय पूजा-पाठ करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। 
#आध्यात्मिक उत्थान:---यह समय आध्यात्मिक रूप से सबसे शक्तिशाली होता है, जो व्यक्ति को ईश्वर के साथ एक मजबूत संबंध बनाने में मदद करता है। 

#विचारों का प्रभाव:---ब्रह्म मुहूर्त में वातावरण में विचारों का ट्रैफिक कम होता है, जिससे आपके विचार जल्दी वास्तविकता में बदल सकते हैं, बशर्ते वे सकारात्म ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि सुबह-सुबह किए जाने वाले कार्यों का असर दिनभर की दिनचर्या पर बहुत गहरा असर पड़ता है। इसलिए कहा जाता है कि, सुबह उठकर भगवान का नाम लेने के साथ कुछ काम करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सकारात्मक अशर पड़ता है। इसके साथ ही जीवन की हर एक परेशानी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है। इसके साथ ही दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ये काम करना शुभ माना जाता है, क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त में भगवान भी जगते हैं। बता दें कि, सुबह करीब 4 बजे से लेकर 5 बजकर 30 मिनट के बीच तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है।

#ब्रह्म मुहूर्त में करें ये काम:--

#उठते ही करें हथेली के दर्शन।

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, सुबह उठकर सबसे पहले अपनी हथेलियों के दर्शन करना चाहिए। इसके साथ ही इस मंत्र को बोलना चाहिए। ऐसा करने से हमेशा देवी-देवता की कृपा बनी रहती है। इसके साथ ही धन की देवी लक्ष्मी और विद्या की देवी सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती।
कलमूले तु गोविंद: प्रभाते करदर्शनम्।।

#ब्रह्म मुहूर्त में करें पूजा-पाठ।

शास्त्रों के अनुसार, सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद देवी-देवता की पूजा जरूर करना चाहिए। ब्रह्म समय में देवी-देवता की पूजा करने से मानसिक, शारीरिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भगवान की कृपा से हर क्षेत्र में सफलता के साथ धन लाभ होगा। पूजा करने के साथ इस मंत्र का जरूर जाप करना चाहिए। इससे जीवन में आने वाली बड़ी से बड़ी मुश्किल को आसानी से पार कर लेंगे। इसके साथ ही कुंडली में नवग्रह की शांति भी होगी।

***ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।

इस मंत्र के आलावा गायत्री मंत्र का भी जाप करना चाहिए। कहा जाता है कि, ऐसा करने से काम करने की क्षमता का विकास होता है।

***ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

#ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान कैसे करें। 

ब्रह्म मुहूर्त (सूर्य उगने से करीब डेढ़ घंटा पहले का समय) में ध्यान करने के लिए, पहले उठकर हल्का स्नान या चेहरा-हाथ-पैर धो लें, फिर किसी शांत और खुली हवा वाली जगह पर कमर-गर्दन सीधी करके बैठें, और धीरे-धीरे अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। आप किसी मंत्र का जाप कर सकते हैं या आज्ञा चक्र पर ध्यान लगा सकते हैं। मानसिक रूप से शांत होकर ध्यान करने से आपको दिन भर की ऊर्जा और एकाग्रता मिलती है। 

#नियमित पूजा करने की विधि:--

दैनिक पूजा करने की विधि में, सबसे पहले स्नान करके, साफ़ कपड़े पहनकर, और शुद्ध आसन पर बैठकर, भगवान के सामने बैठना चाहिए। इसके बाद, दीपक जलाकर, धूप बत्ती और अगरबत्ती जलाकर, भगवान को स्नान कराके, भोग लगाकर, आरती करनी चाहिए। 

दैनिक पूजा विधि:---

#स्नान और शुद्धिकरण:---
दैनिक पूजा से पहले स्नान करके, अपने शरीर और मन को शुद्ध करना चाहिए। 
#आसन:--
जमीन पर ऊनी आसन बिछाकर उस पर बैठना चाहिए। 
#दीपक, धूप, और अगरबत्ती:
दीपक, धूप और अगरबत्ती जलाकर, भगवान के सामने रखनी चाहिए। 
#भगवान को स्नान:---
भगवान की मूर्ति या तस्वीर को स्नान कराएं। आप जल, दूध, या पंचामृत का उपयोग कर सकते हैं। 
#भोग:--
भगवान को भोग लगाएं। आप फल, मिठाई, या अन्य प्रसाद चढ़ा सकते हैं। 
#आरती:---
भगवान की आरती करें। आरती करते समय, दीपक को भगवान के सामने चारों ओर घुमाना चाहिए। 
#प्रार्थना:---
भगवान से प्रार्थना करें। 
#प्रणाम:---
भगवान को प्रणाम करें। 

पूजा करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:---

#पवित्रता:
पूजा करते समय, मन और शरीर दोनों पवित्र होने चाहिए। 
#निश्चित समय और स्थान:---
निश्चित समय और स्थान पर पूजा करनी चाहिए। 
#दिशा:---
पूर्व, उत्तर या ईशान कोण की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए। 
#आसन:---
पूजा हमेशा आसन पर बैठकर करनी चाहिए। 
#मंत्र:---
पूजा करते समय, मंत्रों का जाप करना चाहिए। 

अन्य सुझाव:---

पंचदेवों की पूजा:--

#प्रतिदिन पंचदेवों - सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव, और विष्णु - की पूजा करनी चाहिए।
#आरती:--यदि संभव हो तो, सुबह और शाम दोनों समय आरती करनी चाहिए।
#जल का छिड़काव:---आरती करने के बाद, जल का छिड़काव सभी पर करना चाहिए।
#प्रसाद:---प्रसाद को सभी में वितरित करना चाहिए। 

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अनिल सुधांशु 
ज्योतिषाचार्य
नीम करौली आश्रम कैंची धाम नैनीताल (उत्तरांचल)

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