आटे के दीपक जलाने के चमत्कारी फायदे।
विशेष कामना पूर्ति के लिए जलाएं आटे के दीपक।
हमने अक्सर मंदिरों में आटे के दीये जलते हुए देखे हैं, लेकिन हम नहीं जानते कि, ऐसा क्यों किया जाता है, और ऐसा करने से क्या लाभ होता है ?
1. वास्तव में आटे के दीपक का प्रयोग किसी बहुत बड़ी कामना की पूर्ति के लिए किया जाता है।
2. अक्सर मन्नत के दिए आटे के बने होते हैं।
3. अन्य दीपक की तुलना में आटे के दीप को शुभ और पवित्र माना गया है। मां अन्नपूर्णा का आशीष इस दीप को स्वत: ही मिल जाता है।
4. मां दुर्गा, भगवान हनुमान, श्री गणेश, भोलेनाथ शंकर, भगवान विष्णु, भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम और श्री कृष्ण सभी के मंदिरों में आटे का दीप कामना पूर्ति के लिए जलाया जाता है।
5. मुख्य रूप से तांत्रिक क्रियाओं में आटे का दीप जलाते हैं।
6. कर्ज से मुक्ति, शीघ्र विवाह, नौकरी, बीमारी, संतान प्राप्ति, खुद का घर, गृह कलह, पति-पत्नी में विवाद, जमीन जायदाद, कोर्ट कचहरी में विजय, झूठे मुकदमे तथा घोर आर्थिक संकट के निवारण हेतु आटे के दीप संकल्प के अनुसार जलाए जाते हैं।
7. ये दीप घटती और बढ़ती संख्या में लगाए जाते हैं। एक दीप से शुरुआत कर उसे 11 तक ले जाया जाता है। जैसे संकल्प के पहले दिन 1 फिर 2, 3, ,4 , 5 और 11 तक दीप जलाने के बाद 10, 9, 8, 7 ऐसे फिर घटते क्रम में दीप जलाएं जाते हैं।
8. आटे में हल्दी मिला कर गुंथा जाता है और हाथों से उसे दीप का आकार दिया जाता है। फिर उसमें घी या तेल डाल कर बत्ती सुलगाई जाती है।
9. मन्नत पूरी होने के बाद एक साथ आटे के सारे संकल्पित दीएं मंदिर में जाकर लगाए जाते हैं।
10. अगर दीप की संख्या पूरी होने से पहले ही कामना पूरी हो जाए तो क्रम को खंडित न करें। संकल्प में माने गए दीप पूरे जलाएं। किसी भी अच्छे दिन, अच्छे वार के शुभ मुहूर्त और चौघड़िया में दीप जलाने का प्रण लिया जा सकता है। हर दीप के साथ कामना अवश्य बोलें।
रविवार को आटा का दीपक जलाने से क्या होता है?
आटे का दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। जिससे घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। इतना ही नहीं, अगर पूरे विधि-विधान से आटे के दीपक जलाया जाए, तो इससे व्यक्ति को कर्ज, आर्थिक संकट और गृह कलह जैसी समस्याओं से भी मुक्ति मिल सकती है।
गेहूं के आटे का दीपक जलने से मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद मिलता है ?
गेहूं के आटे का दीपक हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। इसे अन्नपूर्णा देवी का आशीर्वाद माना जाता है और इसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की समस्याओं को दूर करने और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए किया जाता है।
हल्दी के आटे का दीपक जलाने से क्या होता है?
ऐसा करना अति शुभ माना जाता है. कम से कम 11 या 5 तो जरूर जलाने चाहिए, क्योंकि इस दीपक से खासतौर पर माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, आटे में हल्दी मिलाकर दीपक जलाने से खासतौर पर माता लक्ष्मी का घर में आगमन होता है।
शुक्रवार के दिन आटे में क्या डालकर गूंथना चाहिए?
शुक्रवार को आटे में शक्कर या घी मिलाकर गूंथने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है, शुक्र ग्रह से प्रेम, सौंदर्य और धन की प्राप्ति होती हैं, भगवती लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दीपक में सरसों डालकर जलाने से क्या होता है?
पीपल के नीचे 40 दिन तक सरसों तेल का दीपक जलाने से आकस्मिक धन लाभ होता है, सरसों के तेल के दीपक को बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से धन लाभ होने के साथ ही गरीबी भी दूर होती है, व्यापार और नौकरी में तरक्की के लिए सरसों तेल को एक कांच की शीशी में डालकर उसे नदी में प्रवाहित करें।
रविवार को आटे में क्या डालकर गूंथना चाहिए?
रविवार को आटे में गुड़ मिलाकर गूंथना चाहिए। इससे कुंडली में कमजोर सूर्य मजबूत होता है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुड़ की जगह आप चाहें तो, थोड़ा सा घी भी मिला सकते हैं, ऐसा करने से सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, स्वास्थ्य, धन, व्यापार और नौकरी में चमत्कारी लाभ होता है।
शनिवार को आटे में क्या मिलना चाहिए?
शनि, राहु, केतु ग्रह को मजबूत और शांत करने के लिए आप शनिवार को आटा गूंथते वक्त उसमें पिसे हुए उर्द का आटा, चंदन का पाउडर और अश्वगंधा का पाउडर और सरसों का तेल मिला सकते हैं, ऐसा करने से आपको शनि राहु केतु का आशीर्वाद प्राप्त होगा और जीवन में चल रही समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
शनिवार के दिन किसी को क्या नहीं देना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र कहता है कि, शनिवार के दिन कुछ चीजों का दान करना नुकसानदेह हो सकता है, शनिवार के दिन हल्दी का दान करना अशुभ माना जाता है, इस दिन किसी भी पीली वस्तु का दान करने से बचना चाहिए।
शनिवार के दिन सौभाग्य के लिए क्या करना चाहिए?
कौवों या आवारा जानवरों को खाना खिलाएँ, वैदिक पौराणिक कथाओं में कौओं को शनि का वाहन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि, शनिवार को कौओं, कुत्तों या आवारा पशुओं को भोजन कराने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और शनि के दुष्प्रभाव कम होते हैं। इन प्राणियों को पके हुए चावल, तिल या दूध और जल भी अर्पित करें।
भंडारे में नमक का दान करने से क्या होता है ?
भंडारे में नमक का दान करना एक शुभ कार्य माना जाता है, जिससे पुण्य प्राप्ति होती है और आर्थिक समस्याओं का नाश होता है, यह माना जाता है कि, इससे देवी-देवता और पितृ प्रसन्न होते हैं, और धन-धान्य की कमी नहीं होती है।
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अनिल सुधांशु
ज्योतिषाचार्य
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